Monday, May 26, 2008

गिरिजेश भाई

गिरिजेश भाई करीने-सलीके की शानदार जिल्दबंद किताब हैं। कमीज़ से लेकर उनकी मूछें तक सब कुछ ठीक वैसा होता है जैसा होना चाहिए, अनुशासित और खूबसूरती से सजा हुआ। उनका व्यक्तित्व एक सलीकेदार सरकारी अफसर के करीने से सजे ड्राइंगरूम जैसा है।

CNBC आवाज़ के इस सुरीले पत्रकार के शौक हैं चुनिंदा संगीत, चुनिंदा किताबें, चुनिंदा दोस्त. इन तीनों चीजों को गिरिजेश बहुत सहेज कर रखते हैं। उनके दिलजलाऊ कलेक्शन में मैं अकेला ordinary सामान हूँ. हमारी दोस्ती करीब चार साल की होने वाली है, अब तो अपने पैरों पर खूब चलती है, ज़ुबान भी खासी साफ हो गयी है। वो चाहते हैं की हम जितनी जल्दी हो सके उसे शराफत-सलीके सीखने स्कूल भेज दें । मैं हूँ की अपने आँगन में नंगी घूमती-इठलाती, शरारतें करती इस दोस्ती पर इस कदर फ़िदा हूँ की उसे उस स्कूल भेजना ही नहीं चाहता. सुनते हैं वहाँ छोटे बच्चों को छड़ी से पीटते हैं. चलिए छोड़िये ये हमारा पर्सनल किस्सा है।
गिरिजेश भाई बासो से तब से जुड़े हैं जब बासो का सिर्फ़ विचार जन्मा था। CNBC आवाज़ के खर्च पर हम दोनों ने घंटों बैठ कर विचार किया है की बासो दिखने सुनाने में कैसा होना चाहिए। मैं पहले ही लिख चुका हूँ की गिरिजेश भाई बासो की धाय माँ हैं। तो इस माँ ने अपने बच्चे को १९ बेहतरीन किताबों का तोहफा भेजा है।

4 comments:

अजित वडनेरकर said...

वाह, गिरिजेश इतना सलीकेदार है....बहुत खूब।
खैर, जानते भी कैसे, सुर ही तो देखें हैं, ड्राइंग रूम तो कभी दिखाया नहीं।

मनीषा पांडे said...

गिरि और सलीकेदार ...हाहाहा
जोक आफ द मिलेनियम...

गिरिजेश.. said...

दीपक जी, मेरे पैसे वापस कीजिए। आपकी बातें कोई नहीं मानता :(

Anonymous said...

dear client,

the case has been thoroughly investigated. our investigations reveal that Mr Ajit and Ms Manisha are known to you and the comments by them have been written with a criminal intent so as to prepare a ground for you to claim a refund.

the author is quite credible and has received inquiries where readers have wished to see a picture of the person described in my post. please post one asap.

JUST A JOKE